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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Thriller Others Children

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Thriller Others Children

गहरे राज की बात

गहरे राज की बात

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दुनिया पर विश्वास क्या, बतला न कोई बात,

अगर भेद खुल जाये, हो जाये दिन की रात।

गहरे राज की बात को, सदा समझो एक राज,

भांजी मारते लोग पल में, उनको न आये लाज।।


गहरे राज की बात को, संजोकर रखना दिल,

पूर्ण होते काज जब, मन के फूल जाये खिल।

राज की बात राज रहे,कह गये कितने ही संत,

भेद बता दो आम जन, हो जायेगा मानो अंत।।


राज छुपाया कुंती ने, जो नहीं छुपाना चाहिए,

कर्ण मारा गया बेचारा, अपनों को नहीं पाइये।

कुछ राज राज ही रहे, दफन हो खुद के साथ,

चाहे किसी से दोस्ती, चाहे मिला लेना हाथ।।


अपने भी धोखा देते हैं, जब कोई चलती है,

कितनी ही घृणा देखो, उनके दिल पलती है।

जिसे भी दर्द होता,मुख से आह निकलती है,

पर दिल साफ हो तो, बुरी बला भी टलती है।।


गहरे राज की बात हो, भार्या से भी रखो दूर,

मीठी मीठी बात करें, मन में नहीं हो गुरूर।

जीवन यूं ही बीत जाएगा, सोच ले आज अभी,

मौका निकल गया तो फिर, हाथ न आए कभी।।



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