फ़ौजी की सुहागिन
फ़ौजी की सुहागिन
सुनो सजन..जब भी देखोगे हमको
मुस्कराता हुआ ही पाओगे
वादा करो हमसे तुम
कर्तव्यनिष्ठा से फ़ौजी
का फर्ज़ निभाओगे..
फ़ौजी की सुहागिन
बनने पर जितना फ़क्र
महसूस किया था मैंने
उतना ही गर्व हम तुम्हें
तुम्हारा फर्ज़ निभाते हुए
महसूस कराएँगे..
मत सोचना एक महीना
हुआ साथ रहते
अब हम बिन तुम्हारे कैसे
जी पाएंगे..
सात फेरों में सात वादे
भी थे जान
उनमें से एक ये था कि
हम तुम्हारी कर्तव्यनिष्ठा
पर आंच न आने देंगे..
मैं पत्नी हूँ तुम्हारी
मेरा प्रेम तुम्हें कभी तुम्हारे
पथ से विचलित न होने देगा
मेरा प्रेम कभी तुम्हें बेड़ी
जैसा महसूस न होगा..
तुम जब जब मातृभूमि
की रक्षा में तत्पर होगे
मेरा प्रेम तुम्हें और भी
मज़बूती से साहस देगा..
तुम्हारे आने की हर पल
प्रतीक्षा करूंगी
तुम्हारे विरह के पल को
भी हर पल अपने प्रेम से
भरती रहूंगी..
सुनो, ऐसा नहीं है कि मुझे
रोना नहीं आएगा तुमसे
बिछड़ते वक़्त
नारी हूँ कोमल-सा हृदय
मैं भी रखती हूँ
लेकिन आने नहीं दूंगी
तुम्हारे सामने अपने चेहरे
पर उदासी के भाव..
सुनो सजन, जब भी देखोगे हमको
मुस्कराता हुआ ही पाओगे..