जाने कितनी सीता होंगी जाने कितने स्वप्न जलेंगे जाने कितनी सीता होंगी जाने कितने स्वप्न जलेंगे
कहने को बेटी चाँद सी, जा पहुँची है वो चाँद पर, बादल ग्रहण के अब भी है, बातें हवा की रहने दो... कहने को बेटी चाँद सी, जा पहुँची है वो चाँद पर, बादल ग्रहण के अब भी है, ...
मुझसे रिश्ते निभाने की उम्मीद करें मुझसे रिश्ते निभाने की उम्मीद करें
स्वच्छंद, उन्मुक्त हँसी हूँ या पंछी, उड़ती बादलों के उस पार हूँ। या फिर बस हूँ एक सवाल मैं, मैं आ... स्वच्छंद, उन्मुक्त हँसी हूँ या पंछी, उड़ती बादलों के उस पार हूँ। या फिर बस हू...
हर चेहरे पर स्वतंत्रता झलक रही, पर ये बेड़ी क्यों हैं मेरे पग में ! हर चेहरे पर स्वतंत्रता झलक रही, पर ये बेड़ी क्यों हैं मेरे पग में !
क्या दे पाओगे मुझे वो मेरी खोयी प्रतिष्ठा, क्या बदल पाओगे मेरी निष्ठा, क्या दे पाओगे मुझे वो मेरी खोयी प्रतिष्ठा, क्या बदल पाओगे मेरी निष्ठा,