एतबार तो करो तुम
एतबार तो करो तुम
हमें भी कुछ कहने का मौका दो अब इंकार न करो तुम ,
किया है सिर्फ तुमसे प्यार अब मेरा एतबार तो करो तुम ,
तुमसे मिलकर ही मेरी ये जिंदगी फूलों सी गुलजार हुई है ,
अब उन खूबसूरत फूलों से भी ज्यादा मुझे प्यार करो तुम,
आज एक प्यारी नज़्म इश्क़ की मैं दिल से तुम्हें सुनाता हूँ,
हमारा गुलजार है प्यारा रिश्ता अब इसे बर्बाद न करो तुम,
तुम्हारी तस्वीर साथ लिए आज अपनी तकदीर ढूँढता हूँ मैं,
मेरा हर लफ़्ज़ एक गजल है कभी प्यार से सुना तो करो तुम ,
जितनी भी शरारत और शिकायत सब तुम्हीं से है हमारी ,
कभी उन बातों को हमें कहने की इजाज़त तो करो तुम II