एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
हमको भी प्यार हुआ, बड़ा जोरदार हुआ,
दिन भर रहते थे, हम बौराए जी।
कॉलेज वाला प्यार था, जी प्यार क्या बुखार था,
जी को जोरदार रोग, हम थे लगाए जी।
हाय मधुबाला जैसी, मनीषा कोईराला सी,
मुस्कान मोहिनी पर, दिल को लुटाए जी।
चला कर साइकिल, मार कर पायडिल,
चलती थी दुपट्टे को, हवा में झुलाए जी।।१।।
केमिस्ट्री की क्लास में थे, दोनों आस-पास में थे,
अपनी केमिस्ट्री हम, रहे थे बनाए जी।
ख़त खून से था लिखा, साथ में गुलाब रखा,
मन में साहस भर, ख़त पकड़ाए जी।
ख़त पढ़ के वो भोली, नजदीक आ के बोली,
फ़ालतू कामों में काहे, मन तू लगाए जी।
दिल मेरा तोड़ गई, हाय मुंह मोड़ गई,
भूल नहीं पाते पर, उसको भुलाए जी।।२।।