एक मुकाम हासिल करना
एक मुकाम हासिल करना
हर इन्सान को एक,
मुकाम हासिल करना है,
पर उसे कहाँ जाना हैं,
उसे क्या पता ?
अगर उसे मंजिल का,
रास्ता भी बता दिया जाये तो,
वो वहा तक पहुँच ही नहीं पायेगा,
वो जहाँ भी जायेगा ठोकर ही खायेगा।
गलती खुद की वो,
कभी समझ नहीं पायेगा,
हर वजूद में मिल जायेगा।
वक्त की ठोकर खाकर,
वो एक दिन समझदार बन जायेगा,
फिर सब को बतलायेगा।
