एक कविता
एक कविता
इंसान कितना भी आगे बढ़ जाए
उसकी एक कमजोरी पीछे ले ही आती हैं।
इंसान कितना भी झूठ बोलता जाए
वह एक न एक दिन बाहर आ ही जाती हैं।
इंसान जितना ज्यादा भरोसा करता जाए
वह समय पर अपने रगं दिखा ही जाती हैं।
इंसान जितनी मिठास दिखाता जाए
वह मिठास कब कड़वाहट मे बदल ही जाती हैं।
इंसान खुद पर भरोसा करके चलता जाए
उसको बहुत आगे तक ले ही जाती हैं !