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Rohit Verma

Tragedy

4  

Rohit Verma

Tragedy

सड़क

सड़क

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साइकिल मेरी सड़क पर

मै फंँसा गाड़ियों से इधर उधर

न चलने का रास्ता न चलाने का रास्ता

डर का माहौल हर सड़क पर

कहाँ गया वातावरण

जब लगता था मेरा संसार हरा भरा

अब लगता है धुंए और बीमारी से घिरा

शाही गाड़ियों मे लोग घूमते हैं  

घमंड देखो जनाब कितना रखते हैं

बड़े बड़े रोड़ों पर आज

जगह भी छोटी लगती है

इधर - उधर नजर मारो छोटी- मोटी बस्ती है

हम प्रदूषण फैला रहे हैं

रोडो पर पी - पी करके ध्वनि से लोगों को बहरा बना रहे हैं

हर कोई सुनहरा सफर तय करना चाहता है

सुनहरी हवा में सांँस लेना चाहता है!


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