STORYMIRROR

Rohit Verma

Tragedy Inspirational

4  

Rohit Verma

Tragedy Inspirational

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं

1 min
535

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न हवा न पानी,

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न जिंदगी न खुशी,


यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न कहीं चलना न कहीं बैठना,

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न बोलना न सुनना,


यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न हँसना न रोना,

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न देखना न सोचना,


यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

न ज्ञान देना न ज्ञान लेना,

यहां कुछ भी मुफ़्त नहीं,

मुफ़्त तो यहां केवल

आपकी सस्ती जिंदगी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy