एक कदम उठा कर तो देख
एक कदम उठा कर तो देख
कब तक वक़्त बे वक़्त काम करती रहोगी ,
कभी खुद के लिए वक़्त निकाल कर तो देख ।।
आखिर कब तक दूसरों से प्यार माँगती रहोगी ,
एक बार खुद को प्यार जता कर तो देख ।।
कब तक अपनी कमियों को कोसती रहोगी ,
कभी उन कमियों को गले लगा कर तो देख ।।
कब तक दूसरों की परवाह में डरती रहोगी ,
एक बार बेपरवाह बन कर तो देख ।।
कब तक दूसरों पर गर्व करती रहोगी ,
एक बार खुद पर गर्व कर के तो देख ।।
कब तक दूसरों की उम्मीदें को पूरा करती रहोगी ,
कभी खुद की उम्मीदों पर खरा उतर कर तो देख ।।
कब तक खूबसूरती का नकाब ओढे रहोगी ,
एक बार रूहानी खूबसूरती महसूस कर के तो देख ।।
कर सकती वो सब जो तुम चाहती हो ,
खुद पर एक बार विश्वास कर तो देख ।।
कब तक अपने सपने छुपाती रहोगी ,
एक बार उनके लिए लड़ कर तो देख ।।
आखिर कब तक जीवन बिताती रहोगी ,
एक बार इस जीवन जी कर तो देख ।।
ज़रूरत है सिर्फ़ एक कदम उठाने की ,
एक कदम उठा कर तो देख ।।
एक कदम उठा कर तो देख ...
