एक और जन्म
एक और जन्म
खुदको संवारने की खातिर एक और जिंदगी चाहती हूं,
कुछ बिखरा है बेतहाशा जिसे मैं समेटना चाहती हूं,।।
अगर मिले एक और जिंदगी,
अगर जी सकू मैं आज़ाद होकर अपनी जिंदगी,
तो भर लूंगी मैं ऊंची उड़ाने,
बुन लूंगी सपने सुहाने।
खुदको संवारने की खातिर एक और जिंदगी चाहती हूं,
कुछ बिखरा है बेतहाशा जिसे मैं समेटना चाहती हूं,।।
इस जिंदगी में मिली जो कालिख वो चांदी सी चमकानी है,
पन्नो में कैद है जो कहनी वो सबको सुनानी है,
मिले काश एक और उम्र ताकि कुछ अधूरे ख्वाब पूरे हो सके,
काश कुछ पल हम भी अपने नाम कर सके।
खुदको संवारने की खातिर एक और जिंदगी चाहती हूं,
कुछ बिखरा है बेतहाशा जिसे मैं समेटना चाहती हूं,।।
बागो में घूमती उस मोरनी सा मुझे बनना है,
मीठे स्वर में गुनगुनाती उस कोयल के गीत सा मुझे बनना है,
एक उम्र और मिले जिसे जी भर कर है जीना,
अपने हिस्से का आसमान अब हमें है छूना।