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Vandanda Puntambekar

Tragedy

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Vandanda Puntambekar

Tragedy

दस्तक

दस्तक

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सुन लो समय की दस्तक का आना

फैला चहुँओर कोरोना,

इस समय हिम्मत ना खोना

तुम जरा भी भयभीत ना होना,

जीवन का हरपल है सोना

अपनों के संग मस्ती में रहो ना,

दरिया सा यह जीवन सबका

बहकर हमको पार है जाना

सुन लो समय की दस्तक का आना।

जीवन की आपाधापी में छूटे पलों को वापस लाना

उन पलों को फिर सजाना,

सब मिलकर साथ निभाना

परिवारों से मेल बढ़ाना।

बूढ़े,बच्चे व्याकुल है सब। आओ कुछ पल उनके साथ बिताना

कुछ खेलें, कुछ खाएं,कुछ सीखे, कुछ स्वादिष्ट व्यंजन बनाना

ना घबराए इस वायरस से।

जीवन के कुछ पल अपनों के साथ बिताना।

इस पल प्रभु का ध्यान लगाना

पुनःअपनों का प्यार, स्नेह

का स्वाद चखना ।

ना घबराना ना डर जाना।

हिम्मत से सब साथ निभाना।

जीवन पथ है,आनाजाना।

हिम्मत से आगे बढ़ जाना।

स्वच्छता का घ्यान सबको है रखना।

फिर कोई कोरोना पास ना आना।

सुन लो समय की दस्तक आना।


     



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