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Jaya Tagde

Drama

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Jaya Tagde

Drama

दृष्टिकोण

दृष्टिकोण

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काहे पूछे नैना तुम्हारे

हमसे क्यों सवाल करे

हम नहीं थे सौदागर कभी

जिसने तुम्हारा दामन जलाया।


हमसे न था नाता कोई

कारण एक समझ अब आया

चुप्पी हमारी घातक बनी

तमाशा देखने की आदत रही।


दुनिया की रीत में उलझे

दो पैर पर खड़े होकर

खुद को इंसा समझ बैठे।।


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