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Nazim Ali (Eʁʁoʁ)

Drama Romance Tragedy

5.0  

Nazim Ali (Eʁʁoʁ)

Drama Romance Tragedy

दरमियाँ

दरमियाँ

1 min
437


रह गयीं खामोशियाँ

अब दरमियाँ अपने कोई

रह गईं मदहोशियाँ

अब साँसों में अपने कोई।


मीठी मीठी बातें जैसे

क़िस्सा कोई माज़ी का

जिसका एक हिस्सा तेरा

और एक हिस्सा है मेरा।


रह गईं सरगोशियाँ

उस वक़्त की

रह गयीं बस दूरियाँ

यूँ दरमियाँ अपने कोई।


सारे मौसम उड़ गए

जैसे लगा के पर कोई

बस हैं तो बाकी निशानियां 

कुछ भूली बिसरी कहानियाँ।


रौशनी सब मिट गयी

कल तक जो थी यहाँ रात में

रह गयीं हैबत की ये तारीकियां 

यूँ दरमियाँ अपने कोई।


मिट गए सब राब्ते

लुट गए सब काफिले

कल तक जो थे,


रह गयीं दम तोड़ती

कुछ तितलियाँ

अब रह गयीं

कुछ सिसकियाँ

बस दरमियाँ अपने कोई।।


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