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Nazim Ali (Eʁʁoʁ)

Abstract

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Nazim Ali (Eʁʁoʁ)

Abstract

मुझको भी सब पता है

मुझको भी सब पता है

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"मुझको भी सब पता है

तुझको भी सब ख़बर है


ये किसकी हिमाकत है

ये कौन फ़ित्ना-गर है 


ये किसके इशारे पे 

लाठी बरस रही है 


ये किसके इशारे पे

बस्ती झुलस रही है 


मुझको भी सब पता है

तुझको भी सब खबर है


ये कौन बद नियत है

ये कौन बद नज़र है 


ये किसका तकब्बुर है

ये किसकी ज़िद का शर है 


मुझको भी सब पता है

तुझको भी सब खबर है


गर तुझको ये गफलत

के तू ही ज़ोरावर है


तो देख क़ब्रगाह को 

तेरे जैसे बे असर हैं.



मुझको भी सब पता है

तुझको भी सब खबर है


तेरा शौक ज़ुल्म करना

मेरी ज़िद है तुझसे लड़ना


तेरी तेग़ के मक़ाबिल

मेरा जोश नंगे सर है..."










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