अब रह गयीं कुछ सिसकियाँ बस दरमियाँ अपने कोई। अब रह गयीं कुछ सिसकियाँ बस दरमियाँ अपने कोई।
क्षितिज तक चलते रहे बस यूं ही काफिले क्षितिज तक चलते रहे बस यूं ही काफिले
कोने आंखों के, वो हंसने वाले, कैसे कहें, की नम न थे? कोने आंखों के, वो हंसने वाले, कैसे कहें, की नम न थे?
तुम जीवन धन तुम्हीं से खुशी है बदल जाती हैं भावनाएं भंवर तुम जीवन धन तुम्हीं से खुशी है बदल जाती हैं भावनाएं भंवर
हम तो थे पूरे दीवाने कुछ मस्ताने तुम भी थे। हम तो थे पूरे दीवाने कुछ मस्ताने तुम भी थे।