दोस्तों संग पिकनिक
दोस्तों संग पिकनिक
आओ चलो फिर एक बार दोस्तों संग पिकनिक मनाते है,
इस आप धापी भरे जीवन से कुछ पल सुकून के चुराते हैं।
फिर से खेलते हैं खेल वही
जिनमें हार जीत का कोई मोल नहीं,
आओ फिर एक बार बचपन की गलियों की सैर कर आते है।
जी लेते है फिर एक बार खुलकर
फिर से बिना मतलब खिल खिलाकर हँस आते है,
जिम्मेदारियों के नीचे जो दब सा गया है जीवन
उस जीवन को खुलकर जीने की कला सीख आते है।
