दोस्ती
दोस्ती
हर इंसान के दिल में बस्ती है दोस्ती,
पर किसी एक परिभाषा में ढलती नहीं दोस्ती।
कहने को तो सिर्फ एक शब्द है दोस्ती,
पर रिश्तों के मायनो में बस्ती है दोस्ती।
इंसान के स्वभाव पर निर्भर है दोस्ती,
वक़्त के साथ हर शख्सियत की पहचान कराती है दोस्ती।
खुशियों की नीँव पर बनती है दोस्ती,
कभी कभी अंजाना दर्द भी दे जाती है दोस्ती।
जितना प्यार लुटाओगे उतनी गहराई में पाओगे दोस्ती,
एक दूसरे के साथ की उम्मीद में
ज़िन्दगी जी जाएगी ये दोस्ती।
