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Shivani Shah

Drama

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Shivani Shah

Drama

आखिर तू चाहता क्या हैं इंसान ?

आखिर तू चाहता क्या हैं इंसान ?

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अपने आप में,

टूट कर बिखर रहा है

पर दूसरों से जुड़ने की,

उम्मीद रख रहा है।


खुद हर पल ख़ामोशी,

से जूझ रहा है,

पर दूसरों से बातों की,

पहल चाह रहा है।


अपने अंदर अहम की,

भावना बढ़ा रहा हैं,

पर सुलह की उम्मीद तो,

दूसरों से ही कर रहा हैं।


अपने मन को उलझनों,

में उलझा रखा है,

पर दूसरों की जिंदगी में,

हर पल दखलंदाजी कर रहा है।


कुछ नहीं ऐसा,

जो साथ ले जाना है,

पर फिर भी हर पल,

दूसरों को कसूरवार ठहराना है।


आसान सी जिंदगी को,

मुश्किलों का मोहताज़,

बना दिया है।


आखिर तू चाहता क्या है ?

इंसान जिसने तुझे,

इतना उलझा दिया हैं।


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