उम्मीद
उम्मीद
उम्मीद वो जो किसीके चेहरे की मुस्कान लौटाती है,
या किसी शख़्सियत की अपनों से पहचान कराती है।
उम्मीद अपने आप में ही एक हथियार है,
या युं कहूँ की अगर ना मिले तो इंसान लाचार है।
वक़्त की ठोकर हर फ़र्ज़ को मजबूर करती है,
तब उम्मीद अपनी अहमियत आज़मा कर देखती है।
उम्मीद वो, जो ज़िंदगी के होने का एहसास करा जाती है,
और अगर ना हो तो बेदर्दी से लाचार बना जाती है।
उम्मीद है तो खुशियों को पाने का रास्ता है,
वरना दुखो में उलझे रहने की दास्तान है।
उम्मीद हो तो तकलीफे किश्तों में बंट जाती है,
और ना हो तो इंसान को बाँट कर रख देती।