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DRx. Rani Sah

Classics

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DRx. Rani Sah

Classics

दोस्ती

दोस्ती

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मैंने देखा है दोस्ती का ऐसा नजराना, 

इसमे नही होता कुछ अपना बेगाना, 


हर लम्हे में खुशियों की चाहत होती है, 

एक अजब सी मिठास दिलों में ओठों

पे लाखों की मुस्कुराहट होती है, 


दोस्त हर लिहाज से मिसाल होते है, 

दोस्ती के अंदाज भी कमाल होते है, 


सवालों जवाबो से परे है, 

दोस्त के साथ हस्ते दोस्त के लिए रो रहे है, 


दोस्त भरोसा बनकर आँखों में चमकते है, 

धुंधली हो जाए सफर पर हर मुश्किल मे साथ रहते है, 


दोस्ती अपने प्यार के धागे से, 

हर अंजान शख्स को प्रीत से बांधती है, 

दोस्ती ही गुजरते पलों को सुनहरी याद बनाती है, 


दोस्त जीवन की अटुट पूंजी होते है, 

स्नेह कोमलता शीतलता के कुंजी होते है, 


दोस्ती एक अरमान सा है, 

उस रब से फरमान सा है, 

गम के मेले में खुशियों का जहान सा है, 


मैंने देखा है दोस्ती के सदाबहार आसमान को, 

इससे मिलने वाली पहचान को, 


दोस्ती तारों सी होती है, 

दोस्ती बेशर्ते गैरों से होती है,


दोस्ती का आलम बड़ा अजीब होता है, 

एक सच्चा दोस्त मिले जिसे, 

सचमुच उसका सोने सा नसीब होता है ! 


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