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Seema Kulthe

Inspirational Children

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Seema Kulthe

Inspirational Children

दोस्त

दोस्त

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कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं

ऐसा हम क्यूं कहते हैं

वो सिर्फ यादों में क्यूं रहते हैं

हम कभी मिलने क्यूं नहीं जाते हैं


कभी दिन रात साथ गुज़ारे थे

कभी मार भी साथ ही खाते थे

कभी बेवजह घंटों हँसते थे

कभी बेवजह ही साथ में बैठते थे


कौन कैसे जिंदगी में आता है

कभी दोस्ती का ही सहारा है

कभी बहुत कुछ बोल दिया

कभी चुप्पी ने ही समझाया है


कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं

पर हम उनसे मिल नहीं पाते हैं

मन ही मन में नाम गुनगुनाते हैं 

अचानक मिलने की दुआएँ भी करते हैं


कुछ क़िस्से याद आते हैं 

चेहरे पे मुस्कान भी लाते है

  कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं

    कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं…..



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