भ्रम
भ्रम
कभी कभी मेरे दिल में,
ये ख़याल आता है
क्यू हम एक दूसरे के लिए बने हैं,
ये सवाल उठता है
एक ही छत के नीचे रह के भी
अजनबी सा माहौल रहता है
एक दूसरे से बिना बात किये
ये लड़ना झगड़ना चलता है
बिना दीवारों के बंद कमरे में
घुटन सा मजार रहता है
आपने ही अंधेरे में दुबने सा
नज़र आसार आता है
कोई मरहम लगाने आएगा
ये हर वक्त इंतजार रहता है
कभी हमें भी प्यार मिलेगा
ये भ्रम हमेशा रहता है।
