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Seema Kulthe

Children Stories

4  

Seema Kulthe

Children Stories

आँगन

आँगन

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ऐसा नहीं हैं के पंछी पहले चहकते नहीं थे

ऐसा नहीं हैं के पेड़ पहले उपजते नहीं थे

पर न जाने क्यों ये दिल फिरसे बच्चा बनने की ज़िद पे है


चलो फिर से अपने आपको ढूँढे

वो दादी के गाँव का बरामदा

अपने घर के आँगन में भी ढूंढे

बनाये कुछ यादें इन हंसी पलों में भी

जिन्हें जीने के लिये हम बरसों तरसते रहे


सही कहतीं है दादी-नानी

सुख और शांति पैसों से नहीं मिलती

जिस दिन तू आराम से छत पर सो जाये

वो चाँदनी रात की चादर Amazon पे नहीं मिलती।


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