बादल
बादल
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आज बादल बरसने वाले हैं शायद
आज बादल गरजने वाले हैं शायद
आज ये मिट्टी अपने आप को
बारिश के प्यार में भिगोने वाली हैं शायद
बस आजा बादल झूम के
इस मिट्टी कि प्यास बुझा दे
और हमारे सूखें दिलों को भी
थोड़ा सा प्यार सिखा दे
वो मिट्टी कि ख़ुशबू
वो पंछियों का गाना
याद दिलाता है वो प्यार भरा अफ़साना
उन भीगतीं शरमाती आंखों का
बस एक बार दीदार करा दे
वो मोर बैठा ताक लगाये
असमां से आस लगाए
वो जो खेत सूखे पड़े हैं
वो जो कुँए गहर हुए हैं
बस एक बार उस किसान कि आँख भिगा दे
ए बादल तू झुमके सब जगह खुशिया फैला दे।