Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

SANDIP SINGH

Fantasy

4  

SANDIP SINGH

Fantasy

दोस्त मेरा जलेबी

दोस्त मेरा जलेबी

1 min
231


इस बार मेरी दिवाली काफ़ी मजेदार रही,

क्योंकी मेरा एक दोस्त विदेश से आया है।

पहले बचपन में हम _दोनों साथ दिवाली मनाते,

फिर हमलोग बिछड़ गए थे।


दोस्त विदेश और मैं देश में ही रह गया,

लेकिन इस बार मेरा जिगरी दोस्त आया।

हम _दोनों मिलकर काफ़ी खु:श हुए,

दिवाली का माहौल भी खुशनुमा है।


सारे साज _सज्जा दोनों मिलकर किया,

देखने वाले हैरत में पड़ जाते थे।

पूरे बाउंड्री वॉल को सजा दिए हम _दोनों,

तरह _तरह की झिलमिलाते झालर लगा दिए।


एक बड़ा बम्बू भी अपने प्रांगन में गाड़ा,

उसमें एक केंडिल लगाया।

फिर एक खूबसूरत दीप जला उसमें रखा,

तब रस्सी के सहारे केंडिल को उपर कर दिया।


समाज के तमाम लोग खुशी से देखने लगे,

और वाह _वाह कर तारीफ़ करने लगे।

इस तरह यह दिवाली बहुत ख़ास हो गया,

और अविस्मरणीय बनकर अंकित हो गया।


मेरा विदेश वाला दोस्त का साथ,

एकदम से मीठा रहा।

यह दिवाली मेरा मेरे दोस्त के नाम रहा,

जो मुझे विशेष पसंद ही पसंद आया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy