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S N Sharma

Abstract Romance

4  

S N Sharma

Abstract Romance

दिल मेरा।

दिल मेरा।

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दिल मेरा देता रहा तुम्हे ये दुआएं

छूकर तुझे न तपती लू कोई जाए।


समर्पण समय प्रेम तुमने दिया है

दिल में बसा लूं, यही मन में आए।


बड़ी मुश्किलों से मिलें दोस्त अच्छे।

बड़ी आरजू थी कि बदलें फिजाएं।


मिले तुम तो महका ये मौसम बहारा 

अंगड़ाई लेने लगी जागती भावनाएं।


बहुत खो चुके शेष थोड़ी  बची है।

बची उम्र बस संग संग बीत जाए।



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