दिल लुटाए बैठे हैं
दिल लुटाए बैठे हैं
हँसते हुए चेहरे भी तो कई राज छुपाए बैठे हैं
खिले हुए चेहरे भी दिल उदास छुपाए बैठे हैं
हैं बहुत गहरे राज कि कुछ खाश छुपाए बैठे हैं
बन्द अधरों पर भी कई सवालात छुपाए बैठे हैं
आँखों में खुशियाँ तो आँसुओं के सैलाब छुपाए बैठेे हैं
लफ्जों में गुस्सा तो कहीं प्रीत के जज्बात छुपाए बैठेे हैं
मोहब्बत है निराली, सपने हजार छुपाए बैठेे हैं
हो चाहतों में घायल, रंज बेपनाह छुपाए बैठेे हैं
जैसे काले बादल, बरसात छुपाए बैठे हैं
दिलवर भी दिल की प्यास छुपाए बैठे हैं
इन लबों पे बसे होते हैं हजारों किस्से
दिल में वो दिल की याद छुपाए बैठे हैं
प्रीत के नकाब में भी चेहरे हजार छुपाए बैठेे हैं
ये कशक दिलों की जिसे दिलदार छुपाए बैठेे हैं
आँसुओं को खुद की नजरों से छुपाए बैठे हैं
मोहब्बत में "अजनबी" भी दिल लुटाये बैठे हैं।