पूरे हर ख्वाब हमारे होते
पूरे हर ख्वाब हमारे होते
पल दो पल नहीं हर पल जो साथ हमारे होते
हाँ , जो थे हमने देखे, पूरे हर ख्वाब हमारे होते
माना थीं अलग दिशा और दशाएँ हम दोनों की
गर मिलकर दोनों साथ निभाते हरपल एक दूजे का
बहती निर्मल अविरल धारा से जो तुम साथ हमारे होते
बंजर हुई मरु पर भी फल फूल से पोषित तरु होते
पल दो पल नहीं हर पल जो साथ हमारे होते
हाँ , जो थे हमने देखे, पूरे हर ख्वाब हमारे होते!
दिल के हर उपवन में होती फैली प्रेम लताएँ
ये बादल, ये वर्षा, झूमें सावन मन तरसा तरसा है
आँखों में आस है जैसे बिन बादल बरसात है
अब अधूरे हर ख्वाब हैं सहमें, टूटे हर जज्बात हैं
चुपके चुपके सारी दुनिया से छुप छुपके नहीं रोते
पल पल, हरपल की तन्हाई में नहीं अकेले होते
पल दो पल नहीं हर पल जो साथ हमारे होते
हाँ , जो थे हमने देखे, पूरे हर ख्वाब हमारे होते!
जीवन की सरपरस्ती में अच्छे नहीं हालात हैं
आँखों में न सजते सच्चे अब कोई ख्वाब हैं
जाने कब होता दिन, जाने कब होती रात है
हरपल आँखों से बिन बादल होती बरसात है
प्रेमी संग, हर पल खुशियों की बरसातें होती
दिलवर की बाहों में सावन की प्रेम बहारें होती
पल दो पल नहीं हर पल जो साथ हमारे होते
हाँ , जो थे हमने देखे, पूरे हर ख्वाब हमारे होते!