Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

एम एस अजनबी

Others

4  

एम एस अजनबी

Others

यादें अभी तक बाकी हैं

यादें अभी तक बाकी हैं

1 min
401


बचपन की वो यादें बारिश का पानी

कागज़ की नावें गुड्डे गुड़ियों की कहानी

दादी के किस्से तो माँ की लोरी सुहानी

बैठ कंधे पिता के हुई बचपन सयानी

दादा व दादी की यादें बचपन पुरानी


होते थे कितने हँसी वो पल सभी

थाम उंगली माँ पिता की चले हम कभी

जब होते थे हौसले तुफानी सभी

चलती थी मेरी कागज़ की कश्ती कभी

होते थे नखरे कितने प्यारे सभी

थे मोहब्बत में उनकी आँखों के तारे कभी


बहता था जो बारिश का पानी

वो सावन के झूले वो वर्षा सुहानी

नटखट अदाओं के सब थे दीवानें

मामा की गोदी तो मासी भी प्यारी

नानी की कहानी, वो परियों की रानी

हर पल सुहाए मोहब्बत बचपन पुरानी


आज भी वो गुजरा जमाना याद करता हूँ

बैठकर माँ पिता संग खाने को तरसता हूँ

है लुभाती माँ के हाथों बनी वो चपाती

सर्दियों का आना अलाव का जलाना

गर्मियों की रातें खुले आसमाँ की बातें

जाने कहाँ खो गई पूरे घर की वो बातें


खतों का वो लिखना लिखकर छुपाना

देख करके उनको गीतों का गुनगुनाना

एक झलक पाने उनकी गलियों में जाना

वो नादान दिल जाने कहाँ खो जाना

छोड़ करके वो गलियां हम बढ़ चले

न मालूम जाने कहाँ किधर क्यों चल पड़े


खोकर सच्ची मोहब्बत व प्यारे जज्बात

अब अहम औ वहम से दिल भर लिए

खुद कत्ल करके जज्बातों के हमने

इल्जाम जमाने व गैरों के सर कर दिए

भूलकर भी न भूल पाया ऐ "अजनबी" 

यादों के दिन वो बीती बातों के दिन।।


Rate this content
Log in