ख्वाहिश
ख्वाहिश
कदम कदम पर जो दे दो तुम साथ मेरा
मैं लिखता हूँ यूँ ही लिखता जाऊँ हरदम
छुप छुप कर ही पढ़ते हो क्यों गीत मेरे
गा करके तुम दे दो अपना संगीत इन्हें
जीवन की आशा है ये दिल की अभिलाषा है
शब्दों की अभिव्यक्ती में मन की परिभाषा है
मैं लिखता हूँ लिखे हुए हैं जो अहसास मेरे
बिन तेरी बोली के सूने हैं सब अल्फाज मेरे
मेरे सूने अल्फाजों की हर प्यास बुझा देते
गा कर के महफ़िल में नया पैगाम बना देते
मिल जाए साथ तेरा जो हाथों में हो हाथ तेरा,
दरिया में तूफां उठे, नाम से तेरे मेरा नाम चले
कदम कदम पर जो दे दो तुम साथ मेरा
मैं लिखता हूँ यूँ ही लिखता जाऊँ हरदम........

