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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

4.1  

Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

दिल को क़रार आया

दिल को क़रार आया

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दिल को क़रार आया तेरे दीदार के बाद

ख़्वाब कुछ संभलने लगे बिखरने के बाद


भूल चुके थे बहाना हम अब मुस्कुराने का

आने लगी है हँसी तेरी अनसुनी बातों के बाद


बिखर चुकी थीं जो माला इश्क़ के मोतियों की

पिरो रही है उम्मीद नई तेरे ज़िंदगी में आने के बाद


मैं नहीं रहा इस ज़माने के काबिल एक अरसे से

हो रहा हूँ बदनाम फिर तेरे लौट जाने के बाद


कुछ ख़्वाहिश को जो दिया आसरा इस दिल में

चुभने लगा वजूद उनका तुमसें जुदाई के बाद।


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