दिल की जमीन पर
दिल की जमीन पर
दिल की नर्म ज़मी पर
अहसासों की बारीश से
छिटके ज़ज्बात
फैल गए दूर तक
जैसे
बारिश के बाद
सोंधी माटी में
उग आते हैं
मशरूम----- और
छिटक जाते हैं
दूर तलक
कुछ ऐसे ही
बिल्कुल ऐसे
छिटकी पड़ी है------- उम्मीदें
आशाएं, इच्छाएं, तमन्नाएं
हसरतें, ख्वाहिशें---- मेरी
दूर दूर तक-----
मेरे दिल की
नर्म ज़मी पर।