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Pushpender Sharma

Romance

4  

Pushpender Sharma

Romance

अतीत के झरोखे

अतीत के झरोखे

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अतीत के झरोखों से तेरी याद मुझे सताती है,

कितना भी मै भूलना चाहू तेरी याद मुझे आ ही जाती है,

किताब खोल के दिल की मै अकेले बैठ जाता हूँ,

बातें पुरानी याद कर करके अकेले हँसी जाता हूँ,

लिखी जाता हूँ तेरी तारीफ़ मे मै काफ़ी कुछ,

बस तेरे सामने कहने मे ही मै डर जाता हूँ,

लगता रहता है डर मुझे कही नाराज ना हो जाओ तुम,

फिर भी अपनी बातों से तुमको नाराज कर ही मैं जाता हूँ,

समझाता है मेरा दिमाग मुझे ये बार बार,

नही है उसको समझना तेरा प्यार,

पर फिर भी नही मानता ये दिल मेरा,

और बैठे बैठे मैं बस तेरे बारे मे लिखता जाता हूँ लिखता जाता हूँ लिखता जाता हूँ |


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