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दिल की आग

दिल की आग

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दुनिया मे किसी के दिल मे आग है

तो किसी के दिल मे बाग है।

आज एक ऐसे लडके के बारे मे बतलानी है।

जिसके दिल में आग है

और उसके सामने भगवान भी राख है।


वह कोई और नही,

वह मै या

मेरा करीबी यार है।


वह हमेशा हँसता रहता ।

लेकिन उसका दिल

किसी चीज के लिए तरसता रहता।

उसके दिल मे एक ऐसी तड़प है।

जिसे किसी को भी खबर न है।


उसके जीवन मे किसी चीज की कमी नहीं,

कमी ना होते हुए भी

एक सफलता की कमी है।


माँ ने उसे हमेशा

अपने प्रेम की चादर मे सुलाया।

भगवान ने उसे सफलता के लिए

खून के आँसुओं से रुलाया।


पिता ने उसे हमेशा

प्रेम के झूले पर झूलाया।

भगवान ने उसे सफलता के

झूले से हमेशा गिराया।


22 वर्ष होने को जा रहा।

कामयाबी का स्वाद अब तक ना चखा।

भगवान को उसकी सच्ची आस्था की

याद कभी ना आई।

उसके दिल को भगवान ने

ज्वालामुखी बनाई।


एक दिन उसके दिल से

ईश्वर की अराधना ढह गई।

उसके दिल पे असफलता लिख कर

गंगा मे बह गई।


उसका दिल एक ऐसा

शोला बन गया।

जिसके सामने सूरज भी

बर्फ का गोला बन गया...।


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