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परिवार बनाम प्यार

परिवार बनाम प्यार

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भींग चुकी है रातें तो सूरज उगने तक जागो

रात न कटे तो थोड़ी उसकी यादें ही मांगो।

यादों के सहारे रात तो कट जाएगी

परन्तु जिंदगी वही थम जाएगी।

एक तरफ है परिवार,

जिसने तुम्हें जीने के लिए काबिल बनाया।

तो दूसरी तरफ है प्यार,

जिसे तुमने जीने के लिए सहारा बनाया।


अपने प्यार को भूलकर ,

परिवार को कर लूँगी स्वीकार

अपनी आँसू की बूँदों से उसकी यादें मिटा दूँगी

अगर यह सोच रही हो तुम ,

यह ग़लतफ़हमी है तुम्हारी

अपने परिवार को भुलाकर,

प्यार को कर लुंगी स्वीकार।


उसके प्यार के समुद्र में डूब कर

सारी दुनिया को भूल जाऊँगी

अगर यह सोच रही हो तुम

यह ग़लतफ़हमी है तुम्हारी

मोहब्बत का बंधन,

कुछ महीनों का बंधन नहीं

यह तो सात जन्मों का बंधन है।


मोहब्बत चाँद सितारों पर जाकर नहीं की जाती

मोहब्बत तो सारी दुनिया के बीच रहकर की जाती

दोनों का है तुम पर कर्ज,

किसी एक को चुनकर दूसरे को नहीं दे सकती दर्द

जब तुम दोनों को साथ ले कर चलोगी

तब जाकर तुम्हारी जिंदगी आगे बढ़ेगी।


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