दिल का मौसम
दिल का मौसम
एक तो मौसम की उमस
उस पर दिल की तन्हाई
कोई क्यों न बौखलाए।
तन पसीने से तरबतर
मन आँसुओं से भीगा कर
कोई कैसे राहत पाए।
काश हल्की सी हवा का असर होता
किसी की दुआ, किसी की सदा का असर होता
तो कोई क्यों शोलों को गले लगाए।
बरसात के असार छलते हैं
किसी का इन्तजार छलता है
बरसात और हमराज बस आए तो आए।