दिल का हर साज हो तुम
दिल का हर साज हो तुम
दिल का हर साज़ हो तुम
मन की आवाज़ हो तुम
मेरी अँखियों में बसे
मेरे हमराज़ हो तुम
दिल का हर साज़ हो तुम
मन की आवाज़ हो तुम।
रातों में जब भी जागूँ
तुम्हें अपने सामने पाऊँ
मेरी धड़कन में बसे
मेरे सरताज हो तुम
दिल का हर साज़ हो तुम
मन की आवाज़ हो तुम।
जिधर भी मैं देखूँ
तू ही तू नज़र आये
मेरी श्वासों में बसे
मेरे भगवान हो तुम
दिल का हर साज़ हो तुम
मन की आवाज़ हो तुम।
आईना जो मैं देखूँ
तेरा ही अक्स पाऊँ
मेरी पलकों में बसे
इक हसीं ख्वाब हो तुम
दिल का हर साज़ हो तुम
मन की आवाज़ हो तुम।