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Blogger Akanksha Saxena

Romance

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मेरी वेलेंटाइन 'मेरी माँ'

मेरी वेलेंटाइन 'मेरी माँ'

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हमने देखी है उन आँखों में सुबह की खुशबू

लब्जों से बयां नहीं कर सकते अपनी जुस्तजू


कहते हैं लोग आपका रंग है रोशन

कहते हैं लोग जुल्फें हैं घटा सी सावन


हमने देखी है आपकी मुस्कान में उसकी सूरत

सोचो कितनी है पावन आपकी सीरत


कहते हैं लोग आप इंसा हैं बहुत सच्चे

कहते हैं लोग आप दोस्त हैं बहुत पक्के


हमने देखी है आपकी बोली में फूलों की बारिश

शब्दों में कह भी दें तो इनका कोई मोल न दो


कहते हैं लोग बात करतीं बड़ी साफ हैं आप

कहते हैं लोग नकल करतीं नही खास हैं आप


हमने देखी है छुअन आपकी बहुत प्यारी

हमने देखी है वो चितवन बड़ी ही मतवाली


कहते हैं लोग आप शैतान हैं थोडी-थोड़ी

कहते हैं लोग मासूम छवि है न्यारी


हमने देखी है आहटों में वो सोधीं खुशबू

कल्पनाओं में जिसे ढूँढ़ते हैं शदियां बीतीं


कहते हैं आज हम कि आपकी मिशाल नही

देखीं हैं हस्तियाँ पर आपका जवाब नहीं। 





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