जिक्र हुजूम अनुभव अपना परिवार मुसीबत नहीं जवाब बाबा कहना एक हिंदी ग़ज़ल में पेश कर रहा हूं अगर आपको ये पसंद आये तो जरूर कमेंट करें मैं आपका आभारी रहूंगा दीपक सोलंकी रहीश

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