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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

दिल दीवाना

दिल दीवाना

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कल्पनाओं के सफ़र पे चलते 

बादलों के झुरमुटों में एक चेहरा देखा..

 

ये हल्का सा गड्ढ़ा है न तुम्हारे गाल के बीच में,

अद्ल वैसा ही उभरा एक छोटे से बादल की

अठखेलियों पर उस चेहरे में..


मंत्रमुग्ध सा मैं खुद को डूबो रहा था

उस गड्ढे की गहराई में कि सराबोर बरसते सरक गया वो चेहरा.. 


भिगोते मुझे नखशिख बहा ले गया तुम्हारी यादों की आगोश में,

अब आसमान साफ़ है वो चेहरा मेरी रूह में ढ़ल गया है..


कहो ना क्या ये इश्क है ?

क्यूँ बार बार दोहराते तुम

्हारे वजूद की

खुशबू में खो जाता है ये मन मेरा..


तुम्हारी आँखों की मस्ती से मुझे

बेइन्तहाँ इश्क होता जा रहा है

तुम्हारी गरदन पर ठहरे तिल की

तपिश में नहाते जल रहा हूँ ..


दिल की पसंद मेरी बताओ ना 

क्या तुम्हारी कल्पनाओं के मिनारों में

मेरे नाम का कोई रत्न जड़ा है.. 


ए हसीना नैनों पर हया की चिलमन गिराकर

यूँ आतंकी मुस्कान से गूढ़ न बनों, 

हंसी की धनक का मर्म लफ़्ज़ों से ना सही,

नैनों की भाषा से इस दीवाने दिल को समझाओ ना.. 


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