दिल आतिश ए हिज्राँ से जलाना नहीं अच्छा
दिल आतिश ए हिज्राँ से जलाना नहीं अच्छा
दिल आतिश ए हिज्रा से जलाना नहीं अच्छा।
ऐ शोला रुखों आग लगाना नहीं अच्छा।
किसी के दिल में रहकर चले जाना नहीं अच्छा।
नज़रों से ये नजरें मिला कर चुराना नहीं अच्छा।
किसी को सिर पर बैठा कर गिराना नहीं अच्छा।
मेरी ख़ामोशी का मतलब समझ जाना नहीं अच्छा।
मीठी मीठी बातें बना कर दिल बहलाना नहीं अच्छा।
मुस्कुराकर ख़ामोशी का दामन थाम जाना नहीं अच्छा।
किसी को अपना बना कर दूर करना नहीं अच्छा।
कभी बिन बोले सब आँखों से बयां करना नहीं अच्छा।
कयामत ढाकर ज़िंदगी में तूफ़ान लाना नहीं अच्छा।
दर्द ए दिल देकर ज़ख्म पर मरहम लगाना नहीं अच्छा।
मेरे मरने की ख़बर सुनकर दौड़कर आना नहीं अच्छा।
मेरी मौत के बाद मेरी क़ब्र पर आँसू बहाना नहीं अच्छा।