दीपावली की रात
दीपावली की रात
दीपावली की रात
एक दिया उन मकानों की
दहलीज पर भी रख देना
जिन मकानों में कोई रहता नहीं है
जिन मकानों में कोई रहता नहीं है
मगर इन मकानों में भी वोही दीवारें हैं
वोही छत है जो सदा से मानवता
की लाज सम्हाले रहती हैं
ढक लेती हैं सुख दुख सारे
और अनगिनत विपदाओं में
हमें सुरक्षा देती हैं
दीपावली की रात
एक दिया उन मकानों की
दहलीज पे भी रख देना
जिन मकानों में कोई रहता नहीं है।
