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Ayush Kaushik

Romance Fantasy

4  

Ayush Kaushik

Romance Fantasy

तेरा सब कुछ

तेरा सब कुछ

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तेरे ये उलझे उलझे जवाब भी

मुझे सीधे लगने लगते हैं

जब हसके तू एक बार मुझको देख लेती है।


तेरा बार-बार भूल जाना भी

मुझे खराब नहीं लगता है जब और ज्यादा

तू नाराज़ होके मुझको देख लेती है।


तेरा बार-बार मुझको बातें बताना

देर से गलत नहीं लगता है जब तू

हैरान होके मुझको देख लेती है।


तेरा यूँ महंगे महंगे कपड़े लेना भी

अब अच्छा लगने लगा है जब एक बार

मासूम बन तू मुझको देख लेती है।


तेरा हर बार मुझपे गुस्सा करना भी

मुझे पसंद आने लगा है जब तू

आँखें बना कर एक बार मुझको देख लेती है।


तेरा किसी बात पे रूठना भी अब

अच्छा लग जाता है जब तू किसी

बच्चे जैसे मुझे आँखें उठाके देख लेती है।


तेरा हर रूप तेरी हर आदत मुझे मंजूर है

जब तक तू मुझे ऐसे देखती रहेगी।


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