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SIDHARTHA MISHRA

Abstract Classics Fantasy

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SIDHARTHA MISHRA

Abstract Classics Fantasy

कभी कभी

कभी कभी

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कभी-कभी मुझे लगता है कि

यदि केवल एक ही राष्ट्र होता,

केवल एक धर्म, केवल एक राज्य,

केवल एक जाति, केवल एक पंथ,


 कोई सीमा नहीं, कोई सांप्रदायिक विवाद नहीं,

 जमीन के कारण कोई अंतर देश युद्ध नहीं,

 कोई अपराध नहीं, कोई हत्या नहीं,

देश में कोई गड़बड़ी नहीं,


 अगर सभी खुशी-खुशी साथ रहते,

 शांतिपूर्ण तरीके से,

 अगर कोई ईर्ष्या नहीं थी, कोई घृणा नहीं थी,

 अगर कोई दूसरे से नफरत नहीं करता,


अगर गरीबी नहीं होती,

भूख से किसी की मौत नहीं होती,

अगर कोई राजनीति नहीं होती,

तो कोई पैर नहीं खींचता,


 कोई बदमाशी नहीं, कोई अभद्र भाषा नहीं,

 कोई हत्या नहीं, कोई लड़ाई नहीं,

 तब यह दुनिया बन जाएगी, 

 रहने के लिए एक बेहतर जगह।


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