काश
काश
काश कोई होता जो होता मेरा अपना,
जिससे साझा करती मैं अपना हर दर्द और सपना,
जो मेरा देता साथ ,
जो दुःख में भी थामता मेरा हाथ,
जो मुझे मुस्कुराने की वजह देता,
जो मेरे आंसू को हाथों से पोंछता,
जिसे हक़ से कह सकती मै मेरा अपना,
जिससे साझा करती मै अपना हर दर्द और सपना,
जो मुझे कभी रोने नहीं देता,
बेवजह उदास होने नहीं देता,
मुझे अपना मानता मेरे साथ हँसता,
मेरे आंसू देख रो पड़ता,
जिससे मै हक़ से नाराज हो पाती,
और वो मुझे प्यार से मनाता,
काश कोई होता जिसे कह पाती मैं अपना,
जिसके साथ मिलकर मै पूरा करती अपना हर सपना,
जिससे साझा करती मैं अपना हर दर्द और सपना।