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Arunima Bahadur

Action Inspirational

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Arunima Bahadur

Action Inspirational

देशप्रेम

देशप्रेम

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कर तिलक इस पावन रज का,

इसमें ही मैं घुल मिल जाती हूँ।

जब जब आता संकट देश पर,

सर्वस्व बलिदान कर जाती हूँ।


इतनी पावन वसुधा ये मेरी,

देव भी जहाँ जन्म लेते हैं।

देश धर्म की आन शान पर,

सर्वस्व न्योछावर करते हैं।


इतनी प्यारी संस्कृति हमारी,

हर पल सिखलाया करती हैं।

कण कण में परमात्मा दिखा,

एकात्म सिखलाया करती हैं।


माँ, कितनी विशाल धरा की,

संतान संस्कारों से गढ़ती हैं।

कभी मदालसा, कभी कौशल्या सी,

नींव सजाया करती हैं।


अभिमन्यु से पुत्र यहाँ,

गर्भ से शिक्षा लेते है।

देश धर्म के संकट पर,

बलि बलि जाया करते हैं।


देश धर्म की रक्षा को,

मनु, लष्मीबाई बनती हैं।

महाराणाप्रताप से शूरों से,

शिक्षाएं जन जन को मिलती हैं।


कितनी गाथाएं महापुरुषों की,

प्यारे प्यारे पदचिन्ह हैं।

अनुसरण कर जिनका,

वीरों की सेना बनती हैं।।



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