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Madhavi Solanki

Romance Fantasy

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Madhavi Solanki

Romance Fantasy

देखे रस्ता तेरा ....

देखे रस्ता तेरा ....

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सोचती रहती हूं तुम्हारे बारे में हरवक्त कभी तो मिलोगे ना ...

किसी ना किसी बहाने मैसेज किया करती हूं

शायद इशी वजह से एक पल के लिए तुम मेरे बारे मे सोचो


बहुत डर लगता है तुमसे बात करने में की

तुम मुझे डाटोगे फिर भी एक पंछी की तरह बिना डरे

उड़ जाती हूं तुमसे बात करने 


वैसे तो जब भी हम बात करते हैं तो लड़ते रहते हैं

पर फिर भी मुझे बात करना पसंद है

क्योंकि ये लड़ाई ही तो हमारे प्यार की वजह है 


हमेशा ही मेरी आँखें तुम्हारा इंतज़ार करती है कि

कब तुम खवाबो से निकल कर हकीकत बनोगे 

वैसे तो हज़ारों बार मिले हम ख्वाबों में ओर

लड़े भी लेकिन कब तक यूँही रस्ता देखती रहूंगी में 


कभी तो तुम मेरा रस्ता बन कर आओ अब इंतज़ार नहीं होता,

कभी तो मेरे लिए बिना बारिश के मौसम की तरह बरस जाओ,

कभी तो रेगिस्तान में एक पानी की बूंद बन कर आ जाओ,

कभी तो यार मेरे गुलाब बन कर खिल जाओ,

कभी तो मेरी बात मान कर रास्ता भूल कर मेरे पास आ जाओ 


कभी तो मेरे हमसफ़र बनके मेरी राह पर चलो,

आज भी मेरी आँखें तुम्हारा रस्ता तकती है

और तकती रहेगी जब तुम आ नहीं जाते।


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