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ड्रीम्स टू डाय फॉर

ड्रीम्स टू डाय फॉर

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हर कोई सपनो को लिए

धरती पर बस जाता है,

कोई सपना साकार हो जाता है

तो कोई उस शख़्स के साथ

दफ़न हो जाता है !


हर कोई सपनोे पर

मर मिटता है पर,

कोई हक़ीकत बन जाता है

तो कोई सपनो के साथ,

छोेड़ के ज़गत का साथ,

हमे अलविदा कह जाता है !


आज आपको इन्हीं सपनो केे

सागर मे ले जाऊँगी,

किसके सपने सच हुए

या किसके सपनो का

इस जगमगाते संसार ने

गला घोंट डाला

- ये मैं आपको बतलाऊँगी !


एक मासूम - सा चेहरा था

चेहरे का रंग सुनहरा था

दिल मे एक ख़्वाब सज़ता था

फैशन की दुनिया मे चमकना है

यही सपना आँखो मे

चमकता था !


पर एक घटना ने

सब कुछ बदल डाला

उसी की दुनिया मे बसे

एक ज़ालिम शख्स ने

चेहरे पर तेज़ाब उड़ेल डाला !


तेज़ाब के दाग़ोें ने

उसकी हैसियत थी मिटाई

बस, अब ना उसका ख़्वाब रहा

ना उसकी दुनिया मे चमकने के लिए

चेहरे पर लगा

सुनहरा नकाब़ रहा !


अब हकीकत उसके सामने खड़ी थी

जिस सपने पर मर गुज़रने को

वो तैयार थी

उस सपने व खुद को मिटाने

वह आगे बड़ी थी !


अब मेरे मन मे

एक ही मलाल है

काश मैं वहाँ होेती

तो उसे बचा लेती !


पर हर किसी के मन मे

उठ रहा एक ही सवाल है,

क्या कोई ख़्वाब पूरा हो पाएगा ?

या इसी तरह आम इंसान

मर मिट जाएगा !


एक किसान ने भी

सपना संजोया था

अपना एक घर हो यह सोच,

सपने का एक बीज़

अपने खेत मे बोया था

खूब मेहनत की,

मेहनत भी रंग लाई,

खेत मे देख हरियाली

चेहरे पर हल्की मुस्कान आई !


बस अब क्या

हर दुख दर्द मिट जाएंंगे,

घर के सपने को

अब सच कर पाएँगे !


पर भगवान के कहर ने

सब कुछ खाक कर दिया,

ओलावृष्टी के अंगारो ने

सब राख कर दिया !

सारे सपने चकनाचूर हो गये,

हाथ फैलाने को

वो सब मज़बूर होे गये !


दुनिया ने भी

साथ छोड़ दिया,

राजनीतिक तंत्र ने भी

मुँह मोेड़ लिया।

अब उसने भी हार मान ली,

आत्महत्या करने की ठान ली !


ना वोे रहा

ना उसका परिवार,

छोेड़ दिया उसने ये संसार !


कौन उसका ये दर्द

समझ पाएगा ?

बस यह एक

सवाल बनकर रह जाएगा !


बस अब यहीं से

आपसे विदा लेती हूँ,

जाते - जाते कुछ शब्द कहती हूँ ,

"अलविदा ना कहना

ज़िन्दगी कोे दोस्तों !

बहुत मुश्किल से

ये मिलती है...

ना इस दुनिया का होता है

कुछ आपके बगैर,

बस आपके परिवार की ही

दुनिया हिलती है...!"


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