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डर लगता है अब

डर लगता है अब

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चुप सी रहती

हुँ अब

अपनी तस्वीर

की तरह

डर लगता है

कोई लब्ज

चुभ न जाये तुम्हे

झुका लेती हुँ

अपनी नजरें

अब

डर लगता है

मेरी नजर

लग न जाये तुम्हे

सफ़र खत्म होने

को है अब

मत थामना

हाथ मेरा

डर लगता है

बीच सफ़र

अकेले कहीं

छोड न जाऊँ तुम्हे

मुस्कुराते रहो तुम

अपनो के संग

अब

हर पल यू ही

कहीं

कोई पल

छुट न जायेl


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